रातों रात रंक को राजा बना सकता है शनि का नीलम रत्न |Instant Benefits of Blue Sapphire
रत्न शास्त्र का सबसे चमत्कारिक और शक्तिशाली रत्न है नीलम। सदियों से नीलम को रोमांस और शानो-शौकत का प्रतीक माना जाता है। नीलम रत्न को धारण करना कोई आसान बात नहीं है। इस रत्न के बारे में कहा जाता है कि ये रत्न रातों रात रंक को राजा बना सकता है और अगर ये किसी को सूट ना करे तो उसे राजा से रंग भी बना सकता है।
आइए जानते हैं नीलम रत्न के बारे में।
शनि हैं स्वामी ( Stone of Saturn)
नीलम रत्न का स्वामी शनि देव हैं। नीलम रत्न बाकी रत्नों से अलग होता है। अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है तो आपको इस रत्न को पहनने से नुकसान होगा क्योंकि इस रत्न को सिर्फ शनि को मजबूत करने के लिए पहना जाता है। कई बार नीलम रत्न धारण करर्ता को सूट भी नहीं करता है और ऐसे में ये अपने नकारात्मक प्रभाव देना शुरु कर देता है जोकि बहुत घातक होते हैं।
नीलम की आकृति (Shape of Neelam)
रत्न शास्त्र में नीलम और माणिक्य की वैज्ञानिक संरचना एक जैसी है। नीलम रत्नएल्युमीनियमऑक्साइड से बनता है जिसमें आयरन, टाइटेनियम, क्रोमियम, कॉपर और मैग्नीशियम होता है। नीलम कम से 2 रत्ती का जरूर धारण करना चाहिए। इससे कम कैरेट का नीलम रत्न पहनने पर आपको इसका शुभ फल नहीं मिल पाएगा।
नीलम रत्न के ज्योतिषीय लाभ
- जन्मकुंडली में शनि के प्रभाव को अधिक मजबूत करने के लिए नीलम रत्न धारण किया जाता है।
- अगर आपको ऑफिस में दूसरे लोग अपनी उंगली पर नचाना चाहते हैं और आप पर हुकूम चलाते हैं तो आपको नीलम रत्न पहनना चाहिए। इससे आप दूसरों की सत्ता को डिगा पाने में सक्षम हो पाएंगें।
- वहीं जिन लोगों को अपनी मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा है उनकी भी से समस्या नीलम रत्न दूर करता है।
- अगर प्रयासों में असफलता मिल रही है, सड़क दुर्घटनाएं बहुत होती हैं या शत्रु आप पर हावी रहते हैं तो आपको नीलम रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
- मानसिक शांति के लिए भी नीलम रत्न पहना जाता है। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी ये रत्न लाभ देता है।
- नीलम रत्न धारण करने वाले व्यक्ति को धन-वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- मन के भय को दूर करने के लिए भी ये रत्न पहना जा सकता है। इस रत्न के प्रभाव से पाचन शक्ति में सुधार होता है।
- बुरी नज़र से बचाने और आलस को दूर करने के लिए भी इस रत्न को पहनना चाहिए। ये मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न करता है।
- जो लोग निर्णय नहीं ले पाते हैं या असमंजस में रहते हैं उन्हें भी नीलम रत्न लाभ पहुंचाता है।
नीलम रत्न से होने वाले नुकसान (Disadvantage of Neelam Stone)
- ऐसा जरूरी नहीं है कि नीलम रत्न हर किसी को सूट करता है। अगर ये आपको सूट ना करे तो आप कंगाल भी हो सकते हैं।
- इसे पहनने के बाद अगर आपके साथ दुर्घटनाएं हो रही हैं तो आपको इस रत्न को उतार देना चाहिए।
- नीलम सूट ना करे तो इससे अनिद्रा और तनाव रहता है। परिवार में क्लेश का कारण बन सकता है।
- इस रत्न को पहनने के बाद करियर में उन्नति की जगह नुकसान हो रहा है तो आपको इस रत्न को उतार देना चाहिए।
नीलम रत्न की धारण विधि ( How to Wear Neelam Stone)
शनि का रत्न होने के कारण नीलम को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए। शनिवार के दिन गाय के दूध, शहद और गंगाजल के मिश्रण में इसे 15-20 मिनट के तक भिगोकर रखें। अब अगरबत्ती जलाएं और शनि देव के इस मंत्र का 11 बार जाप करें –ऊंशंशनैश्चराय नम:।। इसके बाद दाएं हाथ की बीच की उंगली में नीलम रत्न की अंगूठी को धारण कर लें। नीलम रत्न को सोना, चांदी या फिर अष्टधातु में धारण कर सकते हैं।
कौन कर सकता है धारण (Who can Wear)
अगर आपका जन्म 21 दिसंबर से 20 जनवरी या 21 जनवरी से 20 फरवरी के मध्य हुआ है या आपके नाम का पहला अक्षर भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी या गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा है तो आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं। इसके अलावा मकर और कुंभ राशि के जातक नीलम धारण कर सकते हैं।
नीलम रत्न का विकल्प ( Substitute of Blue Sapphire Stone)
अगर आप किसी कारणवश नीलम रत्न नहीं पहन सकते हैं तो इसके स्थान पर लीलिमा या जामुनिया भी धारण कर सकते हैं। इसके अलावा लिकरकॉन, कटैला, लाजवर्त, नीला मातड़ा, नीला स्पाइनेल आदि भी पहन सकते हैं।
नीलम रत्न धारण करने पर बरतें सावधानी (Be careful while wearing Blue sapphire Gemstone)
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि नीलम रत्न हर कोई नहीं पहन सकता है। बिना ज्योतिषीय सलाह के इस रत्न को बिलकुल भी धारण नहीं करना चाहिए। नीलम रत्न के साथ माणिक्य, मोती, मूंगा और पीला पुखराज धारण ना करें।
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